Bidvertiser2102024

22 सितंबर 2025 से जीएसटी में बड़े बदलाव:

22 सितंबर 2025 से जीएसटी में बड़े बदलाव: नेक्स्ट-जन जीएसटी रिफॉर्म्स का दौर शुरू

नमस्कार दोस्तों! आज 21 सितंबर 2025 है, और कल यानी 22 सितंबर से भारत में जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) के इतिहास में एक नया अध्याय शुरू होने वाला है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राष्ट्र को संबोधित करते हुए इसे “जीएसटी बचत उत्सव” का नाम दिया है। यह सुधार न केवल टैक्स सिस्टम को सरल बनाएंगे, बल्कि आम आदमी, किसानों, छोटे व्यवसायियों और मध्यम वर्ग को सीधा फायदा पहुंचाएंगे।

पिछले 8 सालों में जीएसटी ने कई चुनौतियां दीं, लेकिन अब 56वीं जीएसटी काउंसिल की सिफारिशों के आधार पर बड़े बदलाव हो रहे हैं। इस ब्लॉग आर्टिकल में हम सरल हिंदी में जानेंगे कि 22 सितंबर से क्या-क्या बदलेगा, कौन सी चीजें सस्ती होंगी, और इसका असर क्या होगा।

चलिए विस्तार से समझते हैं!जीएसटी रिफॉर्म्स का परिचय: क्यों और कैसे?

जीएसटी को 2017 में लागू किया गया था, लेकिन इसमें कई स्लैब्स (0%, 5%, 12%, 18%, 28%) होने से अनुपालन जटिल हो गया था।

अब “जीएसटी 2.0” या “नेक्स्ट-जन जीएसटी” के तहत सिस्टम को सरल बनाया जा रहा है। 56वीं जीएसटी काउंसिल मीटिंग (3 सितंबर 2025, नई दिल्ली) में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में ये फैसले लिए गए।

मुख्य लक्ष्य: टैक्स स्लैब्स कम करना, इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) आसान बनाना, और उपभोक्ताओं को राहत देना।प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “इससे एक साल में लोगों को 2.5 लाख करोड़ रुपये की बचत होगी। यह न केवल बचत का उत्सव है, बल्कि आत्मनिर्भर भारत को मजबूत करने का भी मौका है।

” ये बदलाव नवरात्रि के पहले दिन से शुरू हो रहे हैं, जो त्योहारी सीजन को और भी खास बनाएंगे।मुख्य बदलाव: नई जीएसटी दरें और स्लैब्स22 सितंबर 2025 से जीएसटी की नई दरें लागू होंगी।

सिगरेट, तंबाकू और बीड़ी जैसी ‘सिन गुड्स’ को छोड़कर बाकी सभी वस्तुओं और सेवाओं पर ये बदलाव होंगे। मुख्य सुधार:दो-स्लैब सिस्टम: पुराने 12% और 28% स्लैब खत्म। अब ज्यादातर वस्तुएं और सेवाएं 5% या 18% पर आएंगी। लक्जरी और सिन गुड्स पर नई 40% दर, लेकिन कंपेंसेशन सेस खत्म।रेट कट्स: 200 से ज्यादा आइटम्स पर रेट कम।

उदाहरण:दैनिक जरूरी वस्तुएं (साबुन, बिस्किट, पैकेज्ड फूड): 12% से 5%।इलेक्ट्रॉनिक्स (मोबाइल फोन, टीवी): 18% ही रहेगा, लेकिन कुछ पार्ट्स सस्ते।मोटरसाइकिल और कारें: 28% से 18%, जिससे कीमतें 1-2 लाख तक कम।दवाइयां और मेडिकल इक्विपमेंट: 12% से 5%।बीमा प्रीमियम: कम रेट, जिससे हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस सस्ता।

होटल रूम (रेलवे कंटेनर ट्रांसपोर्ट): 2.5% कन्सेशनल रेट।

सोना-चांदी: 3% स्पेशल रेट।

पूरी लिस्ट के लिए CBIC की नोटिफिकेशन (No. 9/2025-Central Tax (Rate)) देखें।

इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) में बदलाव:

पुराने ITC को 21 सितंबर तक इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन 22 सितंबर से रिवर्स करना पड़ेगा अगर रेट चेंज हो। इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर पर 90% प्रोविजनल रिफंड मिलेगा।ये बदलाव रोजमर्रा की 375 आइटम्स को सस्ता करेंगे, जैसे आइसक्रीम, शैंपू, कपड़े, जूते, ट्रैक्टर और सोलर पैनल।

लाभ: आम आदमी से लेकर व्यवसाय तकउपभोक्ताओं के लिए: महंगाई पर कंट्रोल। दाल-चावल, किताबें, पेंसिल जैसी बेसिक चीजें सस्ती। त्योहारों में शॉपिंग आसान।व्यवसायियों के लिए: अनुपालन आसान, डिजिटल फाइलिंग तेज। MSME और मैन्युफैक्चरर्स को कैश फ्लो बेहतर। छोटे बिजनेस (20 लाख टर्नओवर तक) को पहले जैसी छूट।

अर्थव्यवस्था के लिए:

खपत बढ़ेगी, मैन्युफैक्चरिंग बूस्ट। राज्य सरकारों को मजबूत रेवेन्यू। उद्योग संगठन CII ने इसका स्वागत किया।

किसानों और युवाओं के लिए:

कृषि इनपुट्स सस्ते, जॉब्स बढ़ेंगे।कई कंपनियां (जैसे टाटा मोटर्स, लुमिनस पावर) पहले से ही कीमतें कम कर रही हैं।चुनौतियां और सलाहशुरुआत में पुराने स्टॉक पर कन्फ्यूजन हो सकता है। दुकानदारों को नई लेबलिंग करनी पड़ेगी।

CBIC उद्योगों के साथ काम कर रहा है। अगर आप व्यवसायी हैं, तो GST पोर्टल पर अपडेट चेक करें और विशेषज्ञ से सलाह लें। ITC रिवर्सल पर ध्यान दें।कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने इसे “गब्बर सिंह टैक्स” कहा और माफी की मांग की, लेकिन सरकार इसे ऐतिहासिक सुधार बता रही है।

निष्कर्ष:

बचत का नया दौर22 सितंबर 2025 जीएसटी के लिए मील का पत्थर है। यह सुधार भारत को वैश्विक अर्थव्यवस्था में मजबूत बनाएंगे।

स्वदेशी खरीदें, लोकल सपोर्ट करें – जैसा PM ने कहा। क्या आपको इन बदलावों से फायदा होगा? कमेंट में बताएं! अगर स्पेसिफिक आइटम पर जानकारी चाहिए, तो पूछें।

(सभी डिटेल्स सरकारी नोटिफिकेशन्स और विश्वसनीय स्रोतों पर आधारित। टैक्स एक्सपर्ट से कंसल्ट करें।)

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